Monday, 29 September 2008

भूलने की भूल

जो लोग दो अक्टूबर को गाँधी जयंती मनाने वाले है उनमे से शायद किसी के लिए भी आज यानि २९ सिंतबर का दिन कोई खास मायने नहीं रखता- और रखे भी क्यों आज किसी महात्मा गाँधी का जन्मदिन तो है नहीं जो लोगो को सरकारी छुट्टी मिले- ये दिन उनके लिए किसी भी दूसरे आम दिन की तरह ही होगा- लेकिन दुख की बात तो ये है कि आज के दिन भी देश की आजादी के लिए हंसते हंसते फांसी पर चढ़ने वाले उस शहीद का जन्मदिन है जिसे हम सब शहीद भगत सिंह के नाम से जानते है- अब इसे देश की बदकिस्मती कहें या भगत सिंह की, कि लोगो को उनके जन्मदिन को याद रखने की कभी कोई जरूरत ही महसूस नहीं हुई- इस बारे में इतना लिखना ही काफी है- आगे इस बारे में कुछ लिखनें का साहस मुझमें नहीं है क्योकि आजाद भारत के जो लोग भगत सिंह को भूलनें की भूल कर सकते हैं वो कुछ भी कर सकते है और उनसे कुछ भी कहना व्यर्थ है।

6 comments:

MANVINDER BHIMBER said...

thode shabdon mai bahut kuch kah diya

शोभा said...

वाह! बहुत सुंदर लिखा है. बधाई.

PREETI BARTHWAL said...

अच्छा लिखा है आपने

Udan Tashtari said...

अच्छा आलेख!!

ye to bada toing hai said...

चाणक्‍य ने कहा, मुण्‍डे मुण्‍डे मतिर्भिन्‍ना, अर्थात जितनी खोपड़ीयां, उतनी ही राय या विचार ।
लोकतंत्र है भइये, सबको कहने दो, सबकी सुनो अपनी भी कह लो क्‍या दिक्‍कत है, ''सार सार को गहि रहो, थोथा देओ उड़ाय '' तुलसी या संसार में भांति भांति के लोग, सबसों हिल मिल चालिये नदी नाव संजोग ।
सामने वाला अपनी नजर में सही होता है, लेकिन आपकी नजर में गलत, आप अपनी नजर में सही हो सकते हैं लेकिन दूसरों की नजर में गलत । ये दुनियां इसी सिद्धान्‍त पर टिकी है ।
माडरेशन लगा दीजिये टिप्‍पणी पसन्‍द आये तो प्रकाशित कर दीजिये वरना धता बता दीजिये

Anonymous said...

Shobha ki vaah ka kehta hoon ki kamaal hai ajaad hindustan ko us gabhroo Punjab su janam din to pata lagega. Hum yaad rakengey 29 sept. aur aapko bhi. KEEP IT UP. Ho seke to koi aisa nuskha bhi likhen ki hus nehru gandhi ka janamdin bhool jayein. JAI HIND.