Monday 1 February 2010

रहमान तुझे सलाम!!

फरवरी के महीने की इससे अच्छी शुरूआत हिन्दुतान के लिये और क्या हो सकती थी कि जिस अलसाई सुबह आप अपनी रजाई मे दुबके ठंड मना रहे थे उसी वक्त संगीत का जादूगर ए आर रहमान आपको अपना सिर ऊंचा करके चलने की एक और वजह दे रहा था..ए आर रहमान ने १ फरवरी की सुबह एक और इतिहास अपने नाम कर लिया...इतिहास  संगीत के नोबल पुरस्कार माने जाने वाले ग्रैमी अवार्ड्स में पहली बार नामिनेशन के साथ ही एक नही बल्कि दो दो ग्रैमी अपने नाम करने का, ये कोई रोजाना होने वाली घटना नही थी कि हिन्दुस्तानी अपने देश को इस तरह की पहचान दिलाये।

रोजा से लेकर स्लमडाग मिलियेनेर तक का सफर करने वाले रहमान ने वाकई अबतक कई बार इस बात को साबित किया है कि अगर कोई क्रियेटिव काम ओरिजनैलिटी और ईमानदारी के साथ किया जाये तो दुनिया उसे सलाम करती है।
मेरा मानना है कि ए आर रहमान की कामयाबी का राज यही है कि वो संगीत को भगवान की पूजा की तरह शुद्द मन से तैयार करते है और संगीत बनाते वक्त उनके मन के भाव बिल्कुल निस्वार्थ होते है और इसी बात का नतीजा है कि उनके हर काम के आगे लोग फिदा हो जाते है।

अगर ऐसा न होता तो बालीवुड के बाकी के कॅापी कैट्स को भी इतने ही सम्मान मिल जाते लेकिन नही मिलते क्योकि वो अपने काम को पूरी इमानदारी के साथ नही करते। मन की खोट काम मे भी खोट पैदा कर देती है।

बहरहाल हम हिन्दुस्तानी खुश है क्योकि हमे किसी दूसरे हिन्दुस्तानी ने एक बार फिर निस्वार्थ भाव  से खुश होने का मौका दिया हैष

शुक्रिया रहमान।