आज एक अरसे के बाद लिखने का मन हुआ तो लिखने बैठा गया...अच्छा लगा ये सोचकर कि चलो कुछ तो है जिसे मन के मुताबिक कर सकते है...मसलन लिखना, अब देखो ना एक साल तक मन नही हुआ तो नही लिखा और जब मन हुआ तो शूरू कर दिया...वक्त कब पंछी बनकर उड़ जाता है कुछ पता ही नही चलता अभी अचानक ख्याल आया कि करीब एक साल होने को आया मुंबई छोड़कर दिल्ली को अपना ठिकाना बनाये हुए...ये शहर उस शहर से काफी अलग है उतनी दौड़भाग नही है हाँ रात के वक्त मुंबई की याद कभी कभी आती है जब सूनसान सड़के दिखाई देती है क्योकि मुंबई में खाली सड़के सिर्फ शिवसेना बंद या मनसे बंद की दादागिरी के दौरान ही दिखाई देती है..इस साल सर्दी का आनंद लेने के ख्याल से अक्टूबर से ही काफी एक्साइटेड हो रहा था पर अब सर्दी से दिल भरने सा लगा है इधर कुछ दिन दिल्ली से बाहर था तो लोगो ने बताया कि काफी कोहरा पड़ रहा था लेकिन अब तो सर्दी की जाती हुई बहार है।
ट्विटर पर अपने विचारो को लिखना अच्छा लगता है..नया ट्रैंड है इसलिए बालीवुड के सितारे भी इस पर खुल कर अपने विचार लिखते और पढते है...एक ऐसा मंच बन गया है ट्विटर जिसपर आप ये जान सकते है कि आपके चहेते सितारे और दुनिया की जानी मानी हस्तियो की सोच क्या है...वाकई पूरी दुनिया को मुठ्ठी में समेट दिया है ट्विटर जैसी सोशल नैटवर्किग या यू कहे कि ब्लाग साइट ने...लेकिन अच्छा है कही तो आप चंद शब्दो मे अपनी भड़ास निकाल सकते है। देश दुनिया की कह सकते है और इस दुनिया की ही क्यो उस दुनिया की भी कह सकते है...
उस दुनिया से याद आया अब तो आप चांद पर भी जमीन खरीद सकते है वाकई जब पहली बार मैने ये सुना तो एक बार फिर से वो बात याद आ गई कि मनुष्य की कल्पना की कोई सीमा नही है...भले चांद पर हर कोई जा न पाये लेकिन दिल बहलाने के लिये चांद का एक टुकड़ा अपने नाम तो कर ही सकता है...वैसे भी हाउसिंग स्कीम्स की ऊंची उठती कीमतो के बाद अब अगर लोग अपने दिल को तसल्ली देने के लिए ही सही अगर चांद पर जमीन खरीदने लगे तो ज्यादा ताज्जुब की बात नही होनी चाहिये वैसे भी किसी भी बड़ी खोज या अविष्कार की शुरूआत तो एक ख्याल से ही होती है तो अब आप भी सोचिये किसी नये ख्याल के बारे मे कौन जाने आपका कौनसा ख्याल किस नये अविष्कार की वजह बन जाये ...
अल्लाह खैर!!!!!!
3 comments:
बढ़िया है..आईये वापस..स्वागत है!!
स्वागत है!!
स्वागत है नयी सोच के साथ । शुभकामनायें
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